मात्स्यकी महाविद्यालय में छोटी मत्स्य प्रंशस्करण इकाई का उद्घाटन

इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डाॅ. बी. के. शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उद्घाटन के दौरान मात्स्यकी महाविद्यालय के समस्त शिक्षक और छात्र समुदाय उपस्थित थे।

मात्स्यकी महाविद्यालय में छोटी मत्स्य प्रंशस्करण इकाई का उद्घाटन
मात्स्यकी महाविद्यालय में छोटी मत्स्य प्रंशस्करण इकाई का उद्घाटन
 
उदयपुर :  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय में दूसरे दिन छोटी मत्स्य प्रंशस्करण इकाई का उद्घाटन मात्स्यकी महाविद्यालय के डाॅ. आर. ऐ. कौशिक अधिष्ठाता, के कर कमलो द्वारा एवं डाॅ. बी. के. शर्मा पूर्व अधिष्ठाता, डाॅ. आशिष झा, प्रमुख वैज्ञानिक आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एफ.टी. और डाॅ. सुमन ताकर की उपस्थिती में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डाॅ. बी. के. शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उद्घाटन के दौरान मात्स्यकी महाविद्यालय के समस्त शिक्षक और छात्र समुदाय उपस्थित थे। मत्स्य प्रंशस्करण इकाई की स्थापना आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एफ.टी. के द्वारा की गई। जिसके लिए डाॅ. कौशिक ने निदेशक आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एफ.टी. का दिल से धन्यवाद प्रेषित किया। ये इकाई यहाॅ के आदिवाशी बाहुल्य क्षैत्र के मत्स्य कृषकों के लिए मील का पत्थर साबित होगी जिसके विभिन्न प्रकार मत्स्य सह उत्पादों का प्रशिक्षण आयोजित किया जा सकेगा।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन डाया मत्स्य सहकारी समिति के 60 मत्स्य पालको ने अलग अलग प्रकार के मत्स्य सह उत्पाद बनाने की कला को पूरी जिज्ञासा के साथ सीखा जिसमे मुख्य रूप से - फिश फिंगर, फिश कटलेट, झिंगा मछली (झिंगा के साथ), फिश बाॅल, फिश समोसा, फिश पकोड़ा, फिश ब्रेड पकोड़ा एवं मत्स्य अचार मत्स्य कृषको ने स्वयं अपने हाथों से बनाये। जिसमें आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एफ.टी. से आए हुए सभी टीम के साथियों एवं महाविद्यालय के डाॅ. बी. के. शर्मा, डाॅ. एम. एल. ओझा एंव डाॅ. सुमन ताकर ने इन सह उत्पाद को बनाने में प्रशिक्षणार्थियों को अपन पूर्ण सहयोग प्रदान  किया। महाविद्यालय के तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने वर्तमान सत्र में चल रहे कोर्सेज का प्रायोगिक ज्ञान अर्जित किया साथ ही मत्स्य सह उत्पादों के विभिन्न व्यंजनो को बनाने में अपनी पूरी रूची भी दिखाई।