डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व खाद्य दिवस पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व खाद्य दिवस पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व खाद्य दिवस पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
एमपीयूएटी के संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में विश्व खाद्य दिवस पर एकदिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया । सेमिनार के मुख्य वक्ता आई-राइज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सत्येन्द्र एस. चौधरी थे विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ हेमेन्द्र डांगी जबकि मुख्य अतिथि एमपीयूएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक थे ।
 
सेमिनार की संयोजक सचिव डॉ निकिता वधावन ने बताया की सेमिनार में विद्यार्थियों को खाद्य तकनीक के आधुनिक परिज्ञान से विस्तृत तौर पर परिचित कराया गया । सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के खाद्य तकनिकी कौशल को परिष्कृत कर आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं मापदंडो का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित करना था । इस सेमिनार में  तक़रीबन 100 विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । इस अवसर पर पोस्टर एवं क्विज का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों की सहभागिता अभूतपूर्व थी ।
 
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया की महाविद्यालय डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्चतम मापदंडों के अनुकूल शिक्षण एवं  परामर्श प्रदान कर रहा है । यहाँ समयानुसार आने वाले तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी बदलावों से विद्यार्थियों को परिचित कराया जाता है ताकि जब वर्षान्त में विद्यार्थी अनुभवात्मक प्रशिक्षण के लिए विभिन्न उद्योगों में जाये तो आधुनिक तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी बदलावों के बारे में अपने ज्ञान को परिष्कृत करने के साथ अपनी शंकाओं का समाधान कर सके  ।
 
सेमिनार के मुख्य वक्ता श्री सत्येन्द्र एस. चौधरी ने खाद्य तकनीक की परम्परागत विधाओं से शुरुआत करते हुए वर्तमान में प्रचलित विधाओं को  सविस्तार समझाया । उन्होंने बताया की परम्परागत विधाओं की कमियों को वर्तमान में प्रचलित विधाओं में दूर तो कर दिया गया है परन्तु प्रत्येक विधा के अपने गुण-दोष है साथ ही तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी का क्षेत्र अनवरत परिवर्तनशील है ऐसे में तकनीकी एवं विज्ञान विशेषज्ञ होने के नाते यह हमारा नैतिक दायित्व है की आधुनिक परिवर्तनों को त्वरित आत्मसात करे और अन्यों को प्रेरित करने के साथ उनकी यथासंभव मदद करे ।  
 
विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ हेमेन्द्र डांगी ने कहा की खाद्य तकनीक में असीमित संभावनाएं है साथ ही यह क्षेत्र व्यापक प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ है ऐसे में कोई अतिशयोक्ति नहीं की यहां आधुनिक तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी परिवर्तनों को त्वरित स्वीकार कर उनका शीघ्रतम क्रियान्वयन होता है । अतएव विद्यार्थी अपने तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी कौशल और ज्ञान का निरंतर परिवर्धन करता रहे ताकि उनकी रोजगारोन्मुखी निपुणता अक्षुण्ण रहे ।
 
एमपीयुएटी के कुलपति एवं मुख्य अतिथि डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा की शिक्षण संस्थान के द्वारा ही वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी को समाज के प्रत्येक स्तर पर पहुँचाया जा सकता है । यह प्रसन्नता की बात है की डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रौद्योगिकी के सतत विकास के साथ प्रत्येक स्तर पर पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है । विद्यार्थियों के साथ प्राध्यापकों के कौशल विकास के लिए महाविद्यालय के प्रयास प्रशंसनीय के साथ अनुकरणीय भी है । महाविद्यालय के इन्ही सराहनीय प्रयास की बदौलत यहाँ के विद्यार्थी रोजगार नहीं ढूँढते बल्कि रोजगार यहाँ के विद्यार्थियों को ढूंढता हुआ आता है ।