कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन आई.एस.ओ. 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान घोषित

डॉ. कर्नाटक ने कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए सम्पूण स्टाफ को हार्दिक बधाई दी एवं प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. ए. कौशिक को निर्देशित किया कि अन्य कृषि विज्ञान केन्द्रों को भी इस तरह का आईएसओ प्रमाणीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन आई.एस.ओ. 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान घोषित
कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन आई.एस.ओ. 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान घोषित
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्-कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर जोन 2 एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की संगठक इकाई कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा को मानकों के अनुसार नवाचार के अन्तर्गत समन्वित कृषि प्रणाली, प्राकृतिक खेती एवं शाहपुरा को पशुधन एवं उद्यानिकी आधारित समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन आई.एस.ओ. 9001ः2015 प्रमाणित संस्थान घोषित किया गया है। डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, माननीय कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने बींसवीं शैक्षणेत्तर कर्मचारी कुलपति चल वैजयन्ति खेलकूद प्रतियोगिता 2023-24 के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा का प्रमाणीकरण प्रमाण पत्र एवं आईएसओ मोनो का विमोचन कर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आर.ए. कौशिक, केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव, डॉ. के.सी. नागर, डॉ. राजेश जलवानिया मय स्टाफ को दिया गया एवं डॉ. कर्नाटक ने कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए सम्पूण स्टाफ को हार्दिक बधाई दी एवं प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. ए. कौशिक को निर्देशित किया कि अन्य कृषि विज्ञान केन्द्रों को भी इस तरह का आईएसओ प्रमाणीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाये।
डॉ. कर्नाटक ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली के प्रथम दो कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा एवं शाहपुरा है जो महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के अधीन है इससे विश्वविद्यालय का देश-विदेश में उपलब्धिक के साथ ख्याति बढेगी। इसलिए आई.एस.ओ. 9001रू2015 प्रमाण प्रत्र दिया गया है क्योंकि दोनों केन्द्र अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के मानकों पर खरे उतरे है।
इस अवसर पर विनय भाटी, वित्त नियन्त्रक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. अरविन्द वर्मा निदेशक अनुसंधान, डॉ. लोकेश गुप्ता, अधिष्ठाता डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय तथा राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर, डॉ. आर. पी. मीणा, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डूँगरपुर, डॉ. पी.के.सिंह, अधिष्ठाता तकनीकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय उदयपुर, डॉ. एम. के. महला, छात्र कल्याण अधिकारी, डॉ. वीरेन्द्र नेपालिया आदि उपस्थित थे।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि आई.एस.ओ. 9001रू2015 प्रमाणित करने वाली ऐजेन्सी जेएमडी सर्टिफिकेशन के निदेशक प्रशान्त गौड़ द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियाँ जिसमें समन्वित कृषि प्रणाली एवं प्राकृतिक खेती, पशुधन एवं उद्यानिकी आधारित समन्वित कृषि प्रणाली आदि की ऑडिट की गई जो प्रमाणीकरण के मानकों पर खरी साबित हुई है।
 
इससे केन्द्रों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है। केन्द्र द्वारा संचालित प्रशिक्षण, प्रदर्शन, प्रक्षेत्र परीक्षण, प्रसार गतिविधियाँ, कृषक सलाह, उपचारात्मक भ्रमण, नवीनतम कृषि तकनीकी हस्तान्तरण, युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगारोन्मुखी उद्यमिता विकास, स्वच्छता ही सेवा आदि आई.एस.ओ. मानक के अनुरूप है। केन्द्र पर विभिन्न परियोजनाएँ जिनमें राष्ट्रीय जलवायु समुत्थान कृषि में नवप्रवर्तन (निक्रा), कृषि ड्रॉन तकनीकी एवं कृषक उत्पादक संगठन आदि का भी मूल्यांकन किया गया है।
आई.एस.ओ. प्रमाणित होने के बाद केन्द्र पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षण, समस्या समाधान आधारित प्रथम पंक्ति प्रदर्शन, प्रसार गतिविधियाँ एवं केन्द्र की नर्सरी में उपलब्ध गुणवत्ता आधारित फलदार पौधे, सब्जियों की पौध, वर्मी कम्पोस्ट, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु बीजामृत, जीवामृत घन जीवामृत एवं अन्य तैयार खाद व कीटनाशी, सजीव इकाईयों में गौ संवर्धन हेतु गिर इकाई, सिरोही बकरी, प्रतापधन मुर्गी, खरगोश इकाई, बतख पालन, नेपियर घास, बीज उत्पादन, निर्मित उत्पाद आदि की गुणवत्ता को और बेहतर किया जायेगा जो कृषकों की सेवा में वरदान साबित होगा।