डॉक्टर विवेक बिंद्रा की मुलाकात बॉबी राज के साथ: बड़ा भारत शो पर दुनिया को मिलवाया गणित के छोटे सितारे से

बड़ा भारत शो के इस प्रकरण में बिज़नेस गुरु एवं प्रशिक्षक डॉक्टर विवेक बिंद्रा मिले उस शख्स से, जिसका जितना छोटा कद और उम्र है उतना ही बड़ा काम। हम बात कर रहे है छोटे सितारे बॉबी राज की, जो कि बिहार, पटना, में सिर्फ तीसरी कक्षा में पड़ते हैं लेकिन अपने से दुगनी उम्र […]

डॉक्टर विवेक बिंद्रा की मुलाकात बॉबी राज के साथ: बड़ा भारत शो पर दुनिया को मिलवाया गणित के छोटे सितारे से
डॉक्टर विवेक बिंद्रा की मुलाकात बॉबी राज के साथ: बड़ा भारत शो पर दुनिया को मिलवाया गणित के छोटे सितारे से

बड़ा भारत शो के इस प्रकरण में बिज़नेस गुरु एवं प्रशिक्षक डॉक्टर विवेक बिंद्रा मिले उस शख्स से, जिसका जितना छोटा कद और उम्र है उतना ही बड़ा काम। हम बात कर रहे है छोटे सितारे बॉबी राज की, जो कि बिहार, पटना, में सिर्फ तीसरी कक्षा में पड़ते हैं लेकिन अपने से दुगनी उम्र के बच्चों को गणित पढ़ाते हैं।

बॉबी राज के बारे में जानें:
बॉबी राज की मानें तो हम सब में कोई ना कोई हुनर छिपा होता है। ज़रूरत है तो सिर्फ उस हुनर को ढूंढ कर उसको निखारने की। उन्होंने कहा कि प्रभु हनुमान को भी जैसे उनकी खोई हुई शक्तियों को याद दिलाने में श्री जांबवंत जी ने मदद करी थी, ठीक वैसे ही उनकी माताजी और पिताजी ने उनको उनके इस हुनर से अवगत कराया, और अब वो आगे बाकी बच्चों की मदद कर रहे हैं अपने YouTube चैनल के द्वारा।
जब उनसे पूछा गया कि खुद तीसरी कक्षा में पढ़ने के बावजूद वो कैसे दसवीं तक के छात्रों को गणित सिखा लेते हैं, तो उन्होंने बताया कि कक्षा एक से दसवीं तक गणित में सिर्फ 30 अध्याय हैं। आपने अगर इन 30 अध्यायों को ठीक से समझ लिया तो गणित आपके लिए बच्चों का खेल रह जायेगा। स्टूडियो में मौजूद हर कोई हंस हंस के लोटपोट हो गया जब बॉबी ने कहा किउन्होंने ये 30 अध्याय ठीक से समझे हैं और अब वो ना सिर्फ दुनिया में किसी भी इंसान को, बल्की डॉक्टर बिंद्रा को भी सिखा सकते हैं।
तीसरी कक्षा में होने के बावजूद वो कैसे दसवीं का गणित जानते हैं, यह पूछे जाने पर बॉबी ने कहा कि वो चुपचाप जा कर उन कक्षाओं में बैठ जाते हैं और जितना समझ सकते हैं समझ लेते हैं। बाकी का ज्ञान उनके अध्यापक पिताजी उनको दे देते हैं।

बॉबी के आदर्श:
बॉबी के अनुसार उनके सबसे बड़े आदर्श हैं मशहूर शिक्षक और प्रशिक्षक श्री फैज़ल खान जिनको लोग खान सर के नाम से जानते हैं। बॉबी खान सर से एक दिन मिल कर उनसे अनुरोध करना चाहेंगे कि वो उनकी scientist बनने में मदद करें। जब डॉक्टर बिंद्रा ने उनसे पूछा यदि वो खान सर से बात करना चाहेंगे तो बॉबी तुरंत राज़ी हो गए। डॉक्टर बिंद्रा ने फिर अपने फ़ोन से खान सर का नंबर मिलाया और बॉबी की बात कराई। फ़ोन पर बॉबी ने खान सर से अनुरोध किया कि वो उनको scientist बनने में मदद करें, जिस पर खान सर तुरंत राज़ी हो गए और उनको अपना आशीर्वाद भी दिया। उन्होंने बॉबी को अपना परिश्रम जारी रखने कि सलाह दी और वादा भी किया कि वो बॉबी से ज़रूर मिलेंगे।
डॉक्टर बिंद्रा ने मशहूर भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का उदाहरण देते हुए बॉबी से पूछा कि जैसे श्री रामानुजन गणित को छोड़ कर बाकी के विषयों में अच्छा ना होने के कारण बारवीं में चार बार असफल हुए थे वैसे ही क्या बॉबी भी सिर्फ गणित में महारत रखते हैं। बॉबी ने थोड़ा शर्माते हुए जवाब दिया कि वो बाकी विषयों में भी ठीक ठाक हैं लेकिन गणित उनका पसंदीदा विषय हैं।
PhysicsWallah के मशहूर श्री अलख पांडेय के शब्दों को दोहराते हुए डॉक्टर बिंद्रा ने कहा कि एक घंटा पढ़ाने के लिए अध्यापक को खुद पांच घंटा पढ़ना पड़ता है। बॉबी ने कहा कि वो किसी को भी पढ़ाने से पहले खुद नहीं पढ़ते क्यूंकि वो वैसे ही दिन में 4-5 घंटे पढ़ते हैं जो कि किसी को पढ़ाने के लिए काफी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो एक कठोर शिक्षक हैं जो कि अपने अध्यापकों को गुस्से से सिखाता है, तो बॉबी ने कहा कि वो प्रेरित और उत्साहित करने में विश्वास रखते हैं ना कि गुस्से और मार में। दो पंक्तियों की शायरी में अपनी बात रख देने में माहिर बॉबी ने कहा कि जब लड़ाई अपनों से हो तो हार मान लेनी चाहिए, लेकिन जब जंग अपने आप से हो तो जीतना अनिवार्य है। उनकी इसी तरह की दो पंक्तियों की शायरी को स्टूडियो में मौजूद हर किसी ने तालियों के साथ सराहा।
डॉक्टर बिंद्रा ने पूछा कि उनकी ज़िंदगी में आयी सब मुश्किलों, जैसे कि उनके पिताजी का पोलियो और lockdown में उनकी कोचिंग बंद हो जाने के बावजूद बॉबी कैसे इतना सब कर लेते हैं।बॉबी ने कहा कि उनके माताजी और पिताजी उनको उत्साहित करते हैं और पढ़ाई में भी उनकी मदद करते है।वो दिन में सिर्फ 2 ही घंटे के लिए अपने पिताजी के फ़ोन पर अपना पसंदीदा कार्टून और movies देखते हैं।

छोटे खान सर:
Media ने उनको छोटे खान सर नाम क्यों दिया, यह पूछे जाने पर बॉबी ने मासूमियत से कहा कि शायद वो अभी उम्र में छोटे हैं और खान सर उनके आदर्श हैं इसलिए। डॉक्टर बिंद्रा ने फिर बॉबी से पूछा कि वो सिर्फ 8 घंटे में गणित की एक पूरी किताब कैसे हल कर लेते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि वो ‘Basic Mathematics’ नामक किताब से पढ़ते हैं जिसमें कि कक्षा एक से ले कर नौंवी तक कि सारी गणित सिखाई गयी है।
बड़ा भारत शो में आये हुए बाकी नन्हे प्रतिभाशालियों, जैसे कि कौटिल्य पंडित, जान्हवी पवार, और अवि शर्मा की तरह क्या उनके भी दोस्त उनसे बड़ी उम्र के होते हैं, यह पूछे जाने पर बॉबी ने बताया कि गणित ही उनका एकमात्र दोस्त है, बाकी सब दोस्त उनको बिना कारण बताये छोड़ जाते हैं।

Branding और marketing में अपनी समझ दर्शाते हुए बॉबी ने कहा कि हालाँकि उनका असली नाम अभिनव राज है लेकिन वो बॉबी राज नाम ही पसंद करते हैं क्यूंकि ज़्यादातर लोग उन्हें इसी नाम से जानते हैं। डॉक्टर बिंद्रा ने जब उनसे पूछा कि क्या वो कभी शैतानी करते हैं जिसकी वजह से उनके अभिभावक उनको गुस्सा करते हैं तो बॉबी ने बताया कि उनकी उम्र के अन्य बच्चों की तरह से उनको भी डांट पड़ती है जब वो शरारत करते हैं।
डॉक्टटर बिंद्रा ने आखिर में बॉबी से पूछा कि क्या वो भी IAS या IPS अफसर बनना चाहेंगे जैसे कि बिहार के बहुत लोग चाहते हैं, तो उन्होंने फिर बहुत मासूमियत से बताया कि वो पहले engineer बनना चाहते थे क्यूंकि उन्हें लगता था कि वो सबसे बड़ा ओहदा है, बाद में जब पता चला कि scientist उसे से बड़ा पद है तो वो अब scientist बनना चाहते हैं।

 

डॉक्टर बिंद्रा का अनुरोध:

डॉक्टर बिंद्रा ने बॉबी राज को उनके काम के अनुसार एक नया नाम,  ‘बुलेट राज’ दे कर बड़ा भारत का ये अध्याय समाप्त करने के साथ ही जनता और अपने दर्शकों से गुज़ारिश भी करी कि वो Twitter तथा अन्य social platforms पर #SupportBobbyRaj को बढ़ावा देक