डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में गाँधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन

डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में गाँधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन
डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में गाँधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन

दिनांक 02 अक्तूबर 2023। एमपीयूएटी के संघटक डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकीमहाविद्यालय एवं छात्र कल्याण निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में गाँधी एवं शास्त्री जयंती पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । समारोह के अध्यक्ष अधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता एवं मुख्य अतिथि छात्र कल्याण अधिकारी डॉ मनोज कुमार महलाथे ।

महाविद्यालय की सहायक छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ निकिता वधावन ने बताया की इस अवसर पर रंगोली एवं आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।विद्यार्थियों ने गांधीजी के विचारों एवं अपने तकनीकी कौशल को सामंजस्यपूर्ण तरीके से रंगोली में प्रदर्शित किया । इसी तरह आशुभाषण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने गांधीजी एवं शास्त्रीजी की विचारधारा को व्यक्त कर अपने भाषाई कौशल का परिचय दिया ।

महाविद्यालय में तकनीकी एवं प्रौद्योगिकीशिक्षण के साथ देश एवं समाज की सेवा का भाव भी विकसित किया जाता है। इसीक्रम में महाविद्यालय मेंगाँधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सम्मिलित होकर अपने कौशल को प्रदर्शित किया। रंगोली प्रतियोगिता में सुश्री कशिश रोहिल्ला और सुश्री नमिता अग्रवाल की टीम ने प्रथम स्थान एवंसुश्री खुशमन सैनी और सुश्री भूमि बायती की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया जबकि आशुभाषण में श्री मानविक जोशी प्रथम और ख़ुशी राठौड़ द्वितीय स्थान पर रहे ।महाविद्यालय ने इस अवसर पर नयी शुरुआत करते हुए "प्लास्टिक मुक्त वातावरण" को चरितार्थ करने के लिए "एक कदम स्वच्छता की ओर" मुद्रित खादी बैग का विमोचन किया।विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को इस का वितरण कर प्लास्टिक उत्पादों का कम से कम प्रयोग करने की अपील की ।

महाविद्यालय केअधिष्ठाता डॉ लोकेश गुप्ता ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को देश एवं समाज की सेवा के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की गांधीजी हमेशा मानवता के उच्च आदर्शो की स्थापना के लिए प्रयासरत रहे और सभी को यही प्रेरणा दी कीमानवता से बड़ा न तो कोई धर्म है ना ही कोई जाति ।गांधीजी के इन आदर्शो को जीवन में उतारना ही उनके प्रति हमारी कृतज्ञता का द्योतक है। उन्होंने कहा की इसी तरह भारत माता के सच्चे सपूत और सादगी की मिसाल शास्त्रीजी का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है। उनके प्रधानमंत्री रहते जब पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया था और हमारी सेनाएं पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी तब अमेरिका ने भारत को युद्ध ने रोकने पर गेहूं की आपूर्ति रोकने की धमकी दी थी तब शास्त्रीजी ने नागरिको से एक समय ही भोजन करने की अपील की थी लेकिन इस अपील से पहले उन्होंने स्वयं और अपने परिवारजनों को एक समय भोजन की आदत का सफल परीक्षण किया उसके उपरांत देशवासियों से अपील की। सादगी का इससे अनुपम उदहारण पूरे विश्व में दुर्लभ है। लेकिन इस घटना के उपरांत हमारा देश गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भर  बना ही साथ ही बड़ा निर्यातक भी बना । यह खाद्य वैज्ञानिकडॉ एम एस स्वामीनाथन एवं कृषको की शास्त्रीजी को सच्ची श्रद्धांजलि है । उन्होंनेविद्यार्थियों से आह्वान किया कीदुग्ध एवं खाद्यउत्पाद के क्षेत्र की अपार संभावनाओ का व्यापक दोहन कर इसमें अभिनव एवं नूतन उत्पादों का विकास कर देश का नाम रोशन करके राष्ट्रपिता एवं शास्त्रीजी को श्रद्धांजलि अर्पित करें ।

मुख्य अतिथि एमपीयुएटी केछात्र कल्याण अधिकारी डॉ मनोज कुमार महला ने विद्यार्थियों को स्वछता की प्रतिज्ञा दिलाते हुए गांधीजी के बताये हुए अहिंसा के पथ पर अग्रसित होने का संदेश दिया। साथ ही विद्यार्थियों कोशास्त्रीजी के सादा जीवन उच्च विचार के आदर्श अंगीकार कर अपने जीवन को श्रेष्ठता की ओर ले जाना चाहिए। उन्होंने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के तकनीकी एवं प्रौद्योगिकीशिक्षण के साथदेश सेवा का भाव भी विकसित करने के प्रयासों की उन्मुक्त ह्रदय से प्रशंसा करते हुए अन्य महाविद्यालयों को भी अनुकरण करने की अपील की।"प्लास्टिक मुक्त वातावरण" को प्रासंगिक मानते हुए उन्होंने महाविद्यालय के प्रयासों की पुरज़ोर प्रशंसा की ।

एमपीयुएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने संदेश में कहा की गांधीजी एवं शास्त्रीजी के उच्च आदर्शो को अपने जीवन में उतारने की महत्ती आवश्यकता है । उन्होंने संघर्ष के उन क्षणों की बात करते हुए आह्वान किया की हमें सदैव राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव रखते हुए राष्ट्र के पुरोधाओ जिन्होंने राष्ट्र को विकसित बनाने में अपने अमूल्य योगदान दिया से प्रेरणा लेने की अपील की ।