आईआईएम संबलपुर ने की अपने फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम के 10वें बैच की शुरुआत, पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक महिलाएं शामिल
मुख्य अतिथि अदाणी समूह के प्रेसिडेंट-बिजनेस डवलपमेंट सुब्रत त्रिपाठी ने कहा, 'मानवतावाद के शाश्वत मूल्यों में खुद को स्थापित करना होगा। आगे की यात्रा नवाचार को सहानुभूति के साथ जोड़ने की हमारी क्षमता से परिभाषित होगी, जिससे एक ऐसा भविष्य बनेगा जहां प्रगति और करुणा साथ-साथ चलेंगे।
- बैच में गैर-इंजीनियरों की संख्या ज्यादा, इंजीनियरों की तुलना में डेढ़ गुना अधिक
संबलपुर; 06 जुलाई, 2024: लैंगिक विविधता में नए मानक स्थापित करने के लिए जाने जाने वाले आईआईएम संबलपुर ने इस वर्ष उल्लेखनीय महिला प्रतिनिधित्व प्रदर्शित किया। 2024-26 के 10वें एमबीए बैच में पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक महिलों ने फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम में नामांकन कराया।
गर्व की बात है कि समूह में कुल 320 विद्यार्थियों में से 76% (244) छात्राओं और 24% (76) छात्रों का नामांकन हुआ। इसके अलावा, गैर-इंजीनियरों के प्रतिशत में 60% (194 छात्र) के साथ उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबकि 40% (126 छात्र) इंजीनियरिंग क्षेत्र से थे। गैर-इंजीनियर श्रेणी में, 19% छात्र क्रमशः साइंस और कॉमर्स से हैं, जबकि 12.5% मैनेजमेट और 4 फीसदी 12वीं आट्र्स से हैं। बैच का एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि छात्रों में से 46% (146) के पास पूर्व कार्य अनुभव है, जबकि 54% (174) फ्रेशर हैं।
उद्घाटन समारोह में उद्योग जगत के प्रमुख लीडरों ने भाग लिया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अदाणी ग्रुप के प्रेसिडेंट-बिजनेस डवलपमेंट सुब्रत त्रिपाठी, मुख्य वक्ता के रूप में हैवेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट—सेल्स और मार्केटिंग सुमित सांगवान शामिल हुए जबकि आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने स्वागत भाषण दिया। उद्घाटन समारोह के दौरान संकाय सदस्य और छात्र भी मौजूद थे।
स्वागत भाषण के दौरान आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने 2015 में भारत सरकार द्वारा संस्थान की स्थापना का जिक्र करते हुए कहा, 'आईआईएम संबलपुर में आपका स्वागत है, जहां हम नवाचार, अखंडता और समावेशिता के अपने मूल मूल्यों के साथ खड़े हैं, आईआईएम संबलपुर में लैंगिक विविधता का बीड़ा उठाया गया था। 2017 से पहले, आईआईएम संबलपुर सहित सभी आईआईएम में एमबीए कक्षाओं में महिलों का प्रतिशत 11% से कम था। 2017 में, हमने एक नीति लागू करने का साहसिक निर्णय लिया, जिसमें साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने और फिर एक सामान्य मेरिट सूची बनाने के समय महिला उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ में अतिरिक्त 5% कमी दी गई। इस पहल ने 2017 से 50% महिला नामांकन प्राप्त करके इतिहास बनाया। तब से इस मॉडल को सभी आईआईएम ने अपनाया है।
मुख्य अतिथि अदाणी समूह के प्रेसिडेंट-बिजनेस डवलपमेंट सुब्रत त्रिपाठी ने कहा, 'मानवतावाद के शाश्वत मूल्यों में खुद को स्थापित करना होगा। आगे की यात्रा नवाचार को सहानुभूति के साथ जोड़ने की हमारी क्षमता से परिभाषित होगी, जिससे एक ऐसा भविष्य बनेगा जहां प्रगति और करुणा साथ-साथ चलेंगे। इस मार्ग पर चलने वाले युवाओं को स्वामी विवेकानंद के शब्दों को याद रखना चाहिए: 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। आगे आने वाली चुनौतियों में विवेकानंद के इन शब्दों को अपना ध्येय बना लीजिए और अवसर आपका इंतजार करेंगे।'
मुख्य वक्ता के रूप में हैवेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट-सेल्स और मार्केटिंग सुमित सांगवान ने कहा, 'हम सभी अपने जीवन को मैराथन कहते हैं। करियर एक मैराथन है। ट्रायथलॉन दुनिया की सबसे कठिन दौड़ है। यह एक ट्रायथलॉन की तरह है, और आज इस तिहरी रेस के अंत की शुरुआत है। पहला चरण, आपका वर्तमान चरण है; दूसरा, वह है जब आप अपनी नौकरी शुरू करते हैं या उद्यमी बनते हैं और तीसरा, वह है जब आप अपने करियर में आगे बढ़ते हैं।'
इससे पहले, एडमिशन के अध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ जी. माझी ने एमबीए के 10वें बैच का परिचय दिया, जबकि एमबीए प्रोग्राम का परिचय पीजीपी के अध्यक्ष प्रो. अत्री सेनगुप्ता ने कराया और एओएल और आईआईएम संबलपुर की अब तक की एक्रीडेशन जर्नी के बारे में रैंकिंग और एक्रीडेशन के अध्यक्ष प्रो. सौम्या गुहा देब ने बताया। प्लेसमेंट के अध्यक्ष प्रो. दीप्तिरंजन महापात्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दिन एमबीए समूह के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम भी हुआ, जिसमें प्रो. अत्री सेनगुप्ता ने एमबीए ऑर्डिनेंस और एंटी-रैगिंग नीतियों पर विस्तृत जानकारी दी। दूसरे दिन प्रो. नीलेश खरे के नेतृत्व में केस एनालिसिस वर्कशॉप और आईआईएम लखनऊ के प्रो. सब्यसाची सिन्हा द्वारा ऑनलाइन सिमुलेशन वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। तीसरे दिन विशेषज्ञ पैनल और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे, जिसकी शुरुआत 'पहले दिन से अपने कॉर्पोरेट करियर को कैसे आगे बढ़ाएं'पर सीएचआरओ पैनल चर्चा से होगी, जिसके बाद सस्टेनेबिलिटी पर लीडरशिप गोलमेज सम्मेलन होगा। अतिरिक्त सत्रों में लिंग संवेदीकरण और पीओएसएच प्रशिक्षण पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला शामिल होगी।